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पुलिस की दुश्मनी बहुत महंगी पड़ेगी इसको कहते तो न जाने कितने लोगों से सुना होगा और इसी दुश्मनी को खत्म करने के लिए ही पुलिस की कार्य-प्रणाली में सुधार की कोशिश किया गया जिससे कि पुलिस को दुश्मन न मान एक मित्र के तौर पर देखा जाय लेकिन दुर्भाग्य है कि मित्र पुलिस का व्यवहार कभी-कभी अमानवीय हो जाता है जिससे पुलिस के आचरण पर ही सवाल उठ जाता। जिस प्रकार से एक घटना को अंजाम दिया गया है यह इंसानियत के लिए एक धब्बे की तरह है क्योंकि जिस प्रकार से फर्रुखाबाद में एक दरोगा के द्वारा किये गए अमानवीय व्यवहार किया गया जिसमें एक गर्भवती स्त्री को लात से आघात कर उसको मौत के घाट उतार दिया गया यह बहुत ही शर्मिंदगी की बात है और मानवता पर कलंक से कम नहीं है। कहने को तो यूपी पुलिस की गाड़ियों पर लिखा रहता है आपकी मित्र यूपी पुलिस, लेकिन ये कैसी मित्र कि उसके जिम्मेदार अफ़सर ऐसा कारनामा कर दिया और यह कारनामा की गर्भवती महिला के पेट पर लात से प्रहार कर दिया जाता है, जबकि इसमें इस स्त्री का कोई दोष नहीं है। दुनिया की कोई भी पत्नी हो अगर उसके पति से कोई मार-पीट कर रहा है तो एक पत्नी के नाते उसका फर्ज बनता है कि वह अपने पति को उसके चंगुल से मुक्त करें और ये महिला यही कर रही थी लेकिन इस दरोगा के पास इतनी भी संवेदना नहीं कि वह एक स्त्री के ऊपर पैर से हमला बोल दिया और उस महिला के ऊपर जिसके पेट में एक नया मेहमान आने को उत्सुक था लेकिन मनुष्य बिल्कुल राक्षस बनता जा रहा है जो उस नन्हें को धरती पर आने के पहले ही मार दिया। यूपी पुलिस का यह कारनामा नया नहीं है इसके पहले भी ये मित्र पुलिस एक से एक कारनामा करती आई है जिससे पुलिस का असली चेहरा दिखाई देता है। पुलिस के इंही निरंकुशता के कारण आज समाज में पुलिस की साख तेजी से गिरती जा रही है जिसको पुलिस को ध्यान देने की जरूरत है। अगर ऐसे ही पुलिस के कारनामे होते रहे तो यह समाज के ऊपर गलत छाप छोड़ेंगे और आज की मित्र पुलिस कहीं न कहीं सवालों के घेरे में हो जायेगी, कहने को पुलिस मित्र आज दुश्मन बन रहे है। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा
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