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मां की ममता का जिस प्रकार से ग्रेटर नोएडा में घटना को अंजाम दिया गया यह सम्पूर्ण माता-पिता की आंखे खोलने के लिए काफी है, जिसमें मां और बेटी का निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गयी, हत्या का होना तो इस समय आम बात है लेकिन यहां पर जिसने हत्या किया वह अचंभित करने वाला है।इस मां और बेटी का हत्यारा कोई दूसरा भी, उसका अपना लाल था जिसको इस मां ने नौ माह पेट मे रखने के बाद बड़े ही उल्लास के साथ पैदा किया, वही बेटा आगे चलकर मां का हत्यारा बन गया। एक बेटा ही मां और अपनी बहन की हत्या उसके दिए गए गिफ्ट बैट से मारकर कर दिया गया।एक मां की ममता का कुछ ही मिनट में गला घोंट कर लड़का फरार हो गया, यह वही मां होती है जो नौ महीने कोख में रखने से लेकर अपने मरने तक उसको एक बच्चे की तरह ममता के आंचल से ढक कर रखती है। यह वही मां होती है जो अपने गीले बिस्तर पर सोकर भी बच्चे को सूखे में सुलाती है। यह वही मां होती है जो अपने तो पानी पीकर सो जाती है लेकिन बच्चे को सुखी रोटी की व्यवस्था कर ही देती है। यह वही मां होती है जो बच्चे के शरीर पर खरोंच आने पर घबड़ा जाती है और अपनी साड़ी को ही फाड़ तुरन्त पट्टी कर देती है। यह वही मां होती है जो अपने सामने अपने बच्चों को पिटते नहीं देख सकती बेशक उसको चोट लग जाय, लेकिन धन्य है आज के युवा जो एक मां की डांट से इतने क्रोधित हो जाते है कि उनको इन रिश्तों की अहमियत तक का अहसास तक नहीं होता और वे इस पवित्र रिश्ते का बेझिझक नाम खत्म कर देते है, सब ममता एक मिनट में ताश के पत्ते की तरह बिखर जाती है। दुनिया की कोई भी मां होगी वह अपने बच्चे के लिए अच्छा हो सोचती है और उसी के फलस्वरूप परिणाम की अपेक्षा करती है। अगर मां देखती है कि मेरे बताए रास्ते से यह भटक रहा है तो वो उसको उसी रास्ते पर लाने की कोशिश करती है जो उस बालक को नागवार लगता है और वह अनैतिक कृत्य को कर बैठता है जबकि लड़को को शांत मन से सोचना चाहिए कि मां कोई दुश्मनी वश नही डांटती, वह जब भी कुछ बोलेगी तो बालक के अच्छाई के लिए हो बोलेगी, बल्कि वह उसके सुनहरे भविष्य के लिए ही सब करती है।। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा
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