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अयोध्या को लंका बनाने की साज़िश

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राम का जन्म कहां हुआ था ,इस बात का पता लगाने के लिए न जाने कितने सालों से पता लगाया जा रहा है परन्तु आज तक इस बात का पता नहीं चल पाया कि बाबरी मस्ज़िद ही रामजन्म भूमि है जबकि सबसे बड़ा प्रमाण तो यही है कि करोड़ो हिन्दू इस विवादित स्थान को रामजन्मभूमि मानते है लेकिन राजनीतिक मुद्दा होने के कारण इसका हल निकालना मुश्किल हो गया है, जबकि अगर देखा जाय तो रामजन्मभूमि अयोध्या का मुद्दा कुछ भी नहीं है इसको केवल मुद्दा बना कर रखा गया जिसका हल बहुत आसानी से निकल सकता है लेकिन राजनीति की भेंट चढ़ने के कारण हल नहीं हो पा रहा है और इस पर सिर्फ राजनीति की जा रही है। पिछले 7 साल से यह केस सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन पड़ा है लेकिन इन 7 सालों में आज तक कुछ भी नही हुआ, इसका मुख्य कारण यही रहा कि मामले को जानबूझकर लटकाया जा रहा है। अभी सिर्फ दस्तावेज खंगाले जा रहे है जिससे कि कुछ हल निकले लेकिन हल तो तभी निकलेगा जब मामले की निरन्तर सुनवाई होती रहे। इस मामले में एक पक्ष के लोग नहीं चाह रहे है कि इसकी सुनवाई हो, इसीलिए इनके अधिवक्ता कपिल सिब्बल मामले को जुलाई 2019 के बाद सुनवाई के लिए दबाव बना रहे है। कपिल सिब्बल अधिवक्ता कम कांग्रेस नेता के रूप में ज्यादा नजर आ रहे है क्योकि उनकी नजर मुस्लिम वोटों पर भी है कि कहीं ये कांग्रेस से कट न जाये। इसी वजह से आम चुनाव का बहाना बना रोड़ा अटकाने का काम कर रहे है कांग्रेस का शुरू से इतिहास रहा है तुष्टिकरण की राजनीति करने की और ये अयोध्या मामले पर भी इसी घटिया राजनीति कर रहे है, बड़ी अजीब बात है कि आज हमको रामजन्मभूमि के लिए सफाई देनी पड़ रही है जबकि करोड़ो लोग जानते है कि अयोध्या ही रामजन्मभूमि है। तमाम किताबों में भी लिखा है फिर भी हिंदुयों को सफाई देनी पड़ रही है। आज देश मे राजनीति इतनी घटिया स्तर की हो गयी है कि लोग वोट लेने के चक्कर में अपना सब कुछ दांव पर लगा देते है। अब चाहे वह अपनी जाति हो या धर्म या फिर अपनी नैतिकता, लेकिन एक बात तो साफ हो गया है कि दूसरा पक्ष बिल्कुल भी नहीं चाहता कि इस मसले की सुनवाई हो ,इसी कारण तमाम बहाने बनाये गए जिससे कि यह मामला फिर ठंडे बस्ते में चला जाय और इसका कोई हल न निकले। कुछ लोगों की सोच ये हो गयी है कि अयोध्या को लंका बना दिया जाय। वह नगरी जो शांत रहती है वह एक बार फिर से जल उठे। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा

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