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बेशक चीन खूंखार आतंकी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करवाने में हमारा साथ नहीं दे रहा हो और सभी देशों के हां करने के बावजूद वह हमेशा वीटो का प्रयोग करता रहा हो ,परन्तु भारत को चीन के विकास से सीखने की बहुत जरूरत है, क्योकि प्रदूषण की मार से जिस प्रकार से चीन बाहर निकला यह बहुत की काबिले तारीफ है। उसने अपने यहां वायु प्रदूषण को जिस तरह से नियंत्रित किया, यह बहुत ही सराहनीय है इससे देश को सीखने की ज़रूरत है। चीन के द्वारा अपनाई गई विकसित तकनीक से अपने देश के सिस्टम को शिक्षा लेने की जरूरत है। जिस प्रकार से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन दौरे के ठीक पहले अपने आधुनिक उपकरणों की सहायता से पूरे वातावरण को स्वच्छ बना दिया यह देखने और समझने वाली बात है और इसको अमल में लाने की जरूरत है। इसका परिणाम ये हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब चीन की धरती पर उतरे तो आसमान बिल्कुल नीला था और सुंदर स्वच्छ था। चीन ने अपने टेक्निक के बदौलत प्रदूषण का नाम-निशान तक मिटा दिया, लेकिन ठीक इसके उलट भारत में प्रदूषण पर लोग राजनीति करने से नही चूक रहे, एक-दूसरे के सिर पर प्रदूषण का ठीकरा फोड़ने की कोशिश कर रहे है। अब चाहे वह हरियाणा सरकार हो या पंजाब सरकार या फिर दिल्ली सरकार। कोई भी मुख्यमंत्री अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं ले रहा, जिस प्रकार से हरियाणा और पंजाब के किसान पराली जलाने पर ध्यान दे रहे है यह बहुत ही खतरनाक है, लेकिन इन सबसे बेफिक्र लोग धड़ल्ले से पराली जला रहे है और प्रदूषण बढ़ाने में भरपूर सहयोग दे रहे है। आज देश की सभी राजनीतिक पार्टियां इस बात पर विचार नहीं कर रहे है कि प्रदूषण को कैसे कम किया, केवल राजनीति में प्रदूषण को कम किया जा रहा है।यह राजनेतायो की बहुत ही घटिया सोच है जो मानवीय मूल्यों को ताक पर रख कर राजनीतिक हथियार से प्रदूषण को कम करने में लगे हुए है, इन लोगों को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है कि अगर प्रदूषण की मात्रा बढ़ गयी तो न जाने कितने लोग असमय ही काल के ग्रास बन जायेंगे,इस बात की बिल्कुल ही फिक्र नही रह गई है। जबकि ये मामला मानवहित से जुड़ा होने के कारण इस पर सबको मिल-बैठ कर बात करनी चाहिए, जिससे कि मानव समाज का कल्याण किया जा सके। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा
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