Menu
blogid : 23855 postid : 1365870

राजनीति की भेंट चढ़ गए लौह पुरुष

Indian
Indian
  • 259 Posts
  • 3 Comments

भारत देश में महापुरुषों की कभी भी कमी नहीं रही समय-समय पर एक न एक महापुरूषों ने जन्म लेकर भारतवर्ष को गरिमा बनाएं रखने में अहम योगदान दिया है इंही महापुरुषों में एक नाम था– सरदार बल्लभ भाई पटेल का। पटेल के कारण ही हम आज भारत को एक बड़े देश के रूप में जानते है, नहीं तो पहले यह देश कई रियासतों में विभाजित था। पांच सौ पैसठ खंडित रियासतों को जोड़ एक अखंड भारत का निर्माण करने में सरदार पटेल का अहम रोल था, यह अभूतपूर्व कार्य किसी के वश की बात भी नहीं थी जिसको सरदार पटेल ने बड़ी बुद्धिमत्ता से सुलझाया। उस समय अगर लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल नहीं होते तो आज भारत की तस्वीर कुछ और ही होती, लेकिन सरदार पटेल ने सभी रियासतों को जोड़कर एक पूर्ण देश बनाने में बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य किया जबकि यह इतना आसान भी नहीं था, यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी। जब अलग-अलग रियासत अलग-अलग विचारधारा को जोड़ना हो तो यह कार्य मुश्किल था, लेकिन सरदार पटेल की कूटनीति ने सबको चित्त कर दिया था। सभी रियासतों को जोड़ दिया गया लेकिन हैदराबाद और जम्मू-कश्मीर को जोड़ना मामूली नही था लेकिन अपनी विलक्षण प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए हैदराबाद को भी भारत मे मिला लिया गया, लेकिन राजा हरिसिंह की गलती और पंडित जवाहर लाल नेहरू का पाकिस्तान प्रेम कश्मीर समस्या को समस्या बनाकर छोड़ दिया जो आज तक समस्या ही बनी हुई है अगर उस समय गृहमंत्री सरदार पटेल की चली होती तो आज कश्मीर समस्या का दूर-दूर तक कोई नाम नहीं होता लेकिन नेहरू की गलती आज तक देश भुगत रहा है और आगे भी न जाने कब तक भुगतना पड़ेगा। लेकिन 31 अक्टूबर को जब देश सरदार पटेल की जयंती मनाता है तभी उनको याद किया जाता है बाकी इनको सम्मान के नाम पर कुछ नहीं किया जाता, इसमें भी कांग्रेस पार्टी ने तो सरदार पटेल को शुरू से लेकर आज तक कभी भी सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा। पार्टी ने कभी भी सम्मान नहीं दिया जबकि सरदार पटेल के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। इस आयरन मैन आफ इंडिया को वर्ष 1991 में भारत रत्न दिया गया। ऐसे व्यक्त्वि के धनी व्यक्ति को भारत रत्न इतना लेट देना ही राजनीति बताता है, और भी राजनीति की बात इससे भी स्प्ष्ट हो जाता है कि वर्ष 2014 से इनके जन्मदिन को स्मृति दिवस के रूप में मनाए जाने लगा। ये वही व्यक्ति थे जिनको देश की जनता चाहती थी कि स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने लेकिन राजनीति के कारण ये उस पद तक नहीं पहुँच पाये और इनको जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिला, और इसका सिर्फ एक कारण था राजनीति।इसी राजनीति के कारण सरदार बल्लभ भाई पटेल को जो सम्मान मिलना चाहिए उससे वह वंचित रह गए।। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh