Menu
blogid : 23855 postid : 1336000

ज्ञानयुक्त शिक्षा की ज़रूरत

Indian
Indian
  • 259 Posts
  • 3 Comments

शिक्षा मनुष्य के जीवन की एक ऐसी जरूरत है जिसके न रहने पर मनुष्य की जिंदगी का सफर अधूरा ही रह जाता है और इसको ग्रहण करने केे पीछे मनुष्य का हित भी छिपा है, वो भी ईमानदारी से ली गयी शिक्षा ही मनुष्य को उंचाई तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त करती है, न कि बिन ज्ञान की शिक्षा ग्रहण करने से। एक शिक्षित मनुष्य का ये कतई मतलब नही निकालना चाहिए कि उसका जीवन बहुत सुगमता से व्यतीत हो जाएगा और वह अपने जीवन की ऊंचाइयों को छू लेगा। आज के समय में केवल शिक्षित होने का कोई मतलब नही रह गया है जब तक कि उसके पास ज्ञान न हो, डिग्री लेना आज आसान हो गया है क्योंकि अगर आपके पास पैसे है तो डिग्री मिलना बहुत ही आसान होता है परन्तु ज्ञान को किसी भी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से नहीं खरीदा जा सकता हैं । ज्ञान का हमारे जिंदगी में होना बहुत ही महत्व है,और इस ज्ञान के सापेक्ष जब तक मनुष्य की शारीरिक आयु के अनुसार मानसिक आयु नही बढ़ती तब तक उसको शिक्षित कहना कोई मायने नहीं रखता। आज के छात्रों में अधिकांश छात्र तो ऐसे है जो सिर्फ डिग्री लेने के जुगाड़ में रहते है कि बस किसी प्रकार से डिग्री प्राप्त हो जाये और चाहे किताबी ज्ञान हो या न हो। देश के अंदर अगर किसी भी राज्य में शिक्षा का मतलब सिर्फ डिग्री लेना है तो वह है बिहार। बिहार एक ऐसा राज्य बनता जा रहा है जहाँ पर नकल माफियाओं का वर्चस्व दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और वह पैसे कमाने के चक्कर में छात्रों के भविष्य से कितना खतरनाक खिलवाड़ कर रहे है कि आने वाली पीढ़ी को ही बर्बाद कर देंगे, क्योंकि जो छात्र आज नकल की शिक्षा लेगा तो वह आने वाली पीढ़ी का क्या पढ़ायेगा और उनका भविष्य कैसे सुधारेगा , इसलिए बिहार सरकार को ऐसी शिक्षा पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करना चाहिए जो आईआईटी में पास होकर इंटरमीडिएट की परीक्षा में 3,4 अंक ही पाने की कूबत रख रहे है तो इस प्रदूषित शिक्षा से अपना जीवन कहां तक सफल कर पाएंगे, ये शिक्षा जगत के लिए बहुत बड़ा सवाल खड़ा है? ***************************************** नीरज कुमार पाठक नोयडा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh