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तेल माफियाओं का खेल

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आज मनुष्य को केवल और केवल एक चीज दिखती है और वो है पैसा, पैसे की भूख आदमी की नही जा रही है वह हर कोशिश कर रहा है ज्यादा से ज्यादा रुपयेे कमाने का , चाहे उसे पेट्रोल पंप पर चिप लगानी पड़े या फिर सरिया तौलने में भी बेईमानी करनी पड़े,हर जगह पैसे का खेल बेधड़क, बेखौफ जारी है।जहाँ तक अगर हम देखे तो पेट्रोल पंप वालो का खेल यूपी ही नहीं पूरे देश मे पेट्रोल और डीजल की घटतौली का धंधा चल रहा है। यह आज का नहीं बहुत पुराना खेल है लेकिन किसी भी सरकार ने इस पर कोई कदम उठाने की कोशिश नहीं की, लिहाजा यह खेल निरंतर तरीके से चल रहा है।आज जब योगी सरकार ने इस पर कार्रवाई करने का मन बनाया तब सबको इस बात का पता , अब ऐसा भी नही है कि लोग इस बात से बिल्कुल अनभिज्ञ थे कि पेट्रोल पंपों पर घटतौली जैसा कोई खेल चलता है। दरअसल ये बात बहुत लोगों को पता है फिर भी लोग अनसुना कर देते है, क्योकि पेट्रोल पंप के मालिकों के खिलाफ कोई भी आवाज उठाना नहीं चाहता, कारण ज्यादातर पेट्रोल पंप धारक बाहुबली होते है और उनके खिलाफ जाने का मतलब मौत को दावत देना है ,इसीलिए आम जनता से लेकर मीडिया तक और यहां तक कि बड़े बड़े अफसर तक लोग इन माफियाओं के गिरफ्त में नही आना चाहते , इन अधिकारियों को ये तो पता है कि अगर हमने इनके खिलाफ बोला तो हमारा हश्र भी मंजूनाथ जैसा हो सकता है। इसलिए लोग नही चाहते कि हमारा भी हाल वैसा ही हो, यही कारण है कि लोग डरते है, लोगो के डरने का सबसे बड़ा कारण ये भी है कि आज जितने भी पेट्रोल पंप के मालिक है अधिकाशतः बाहुबली और माफ़िया लोगों के है इनमे भी कुछ बड़े नेता है जिन तक कानून का पहुँचना आसान नही होता है और जब कानून ही नही पहुँच सकता तब बहुत मुश्किल होता है पेट्रोल पंप पर अंगुली उठाना। आज के समय मे कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के कारण भी इस धंधे पर शिकंजा नही कसा जा सकता , क्योकि ये अधिकारी अगर पेट्रोल पंप पर चेकिंग के लिये गए तो उनको कुछ गिफ्ट देकर विदा कर दिया जाता है जिसके कारण तेल का खेल निर्बाध रूप से चलता रहता है और पेट्रोल पंप मालिक की तिजोरी भरती रहती है,और जनता की जेब खाली होती जाती है। **************************************** नीरज कुमार पाठक नोयडा

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