- 259 Posts
- 3 Comments
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ जवानों पर नक्सलियों ने जिस तरीके से हमला किया, यह कितना शर्मनाक है कि इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते है कि ये नक्सली उन जवानों पर गोलियां बरसाये जो उस वक़्त खाना खा रहे थे, जबकि हमारे संस्कार में खाना खाते समय किसी को नुकसान नहीं पहुँचा सकते है और उस पल का इंतजार करते है कि वह खाना खाकर उठे , लेकिन इन नक्सलियों की नैतिकता का इतना पतन हो चुका है कि ये इतना भी नहीं सोचते की कौन क्या कर रहा है, किस स्थिति में है इनको बस अपने मतलब से मतलब रहता है। आज दुःख इस बात का है कि इस घटना में 25 जवान शहीद हो गये और कितने जवान जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे है, इसी प्रकार से कितने लोग सरकार के लचर रवैया के कारण बलिदान होते रहते है लेकिन सरकार आज तक कोई कठोर कदम नहीं उठा पायी। आज ये पहली घटना नहीं है जिसमे हमारे जवान इस प्रकार से मारे गये,इसके पहले भी कई हमले इन सैनिकों के ऊपर हुए है जिसमें कई जवानों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी, लेकिन एक बात समझ में नही आती है कि सरकार इन नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नही करती ,हम जवानों के मरने की प्रतीक्षा करते है,जब दस से बीस जवान मार दिए जाते है तो सरकार आनन-फानन में यह घोषणा करती है कि जो अपराधी होगा ,उसे छोड़ेंगे नहीं। अफ़सोस कि फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है, फिर हम एक दूसरी घटना का इंतजार करने लगते है। आज देश के सामने भी यही सवाल है कि जब हम देश के अंदर नक्सली लोगो को नही खत्म कर सकते जो देश के अंदर रह रहा है, यही पर खा रहा है, यही पर सो रहा है और यही के सैनिकों को मार रहा है,अब अगर हमारी ये स्थिति रहेगी तो हम आतंकवादियों से किस प्रकार लड़ेंगे, जो देश के बाहर से आते है, सिर्फ आतंक फैलाने के लिए।जबकि उनके बारे में कोई जानकारी भी नही रहती कि कब आएंगे, कितने मात्रा में आएंगे, इसलिए सरकार को चाहिये कि वह इन नक्सलियों को जबरदस्त तरीके से टक्कर दे और इनको घेर कर सीधे गोली मार देनी चाहिए जिससे की उनकी कहानी तत्काल समाप्त हो।*****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा
Read Comments