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जनहित याचिकाओं की आड़ में

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इस समय देश के अंदर जनहित याचिकाओं का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है ,किसी को भी किसी भी मामलें में जनहित याचिका का अधिकार है, इसी को ध्यान में रख कर लोग इसका दुरुपयोग करने लगे है। सरकार कोई भी नियम बना नही पाती तब उसके काट के लिए जनहित याचिका के तौर पर लोग तैयार रहते है। इस प्रकार से हर कानून को पहले जनहित याचिका रूपी अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है। ये नहीं है कि जनहित याचिका कोई खराब चीज है लेकिन इसको जब सही तरीके से इस्तेमाल किया जाय और सही कार्यो के लिए ही उपयोग किया जाय। आज के समय में अब लोगों को हर बात में टांग फ़साने की आदत पड़ गयी है जिसके वजह से यह ख़राब भी लगने लगता है। इन जनहित याचिका के बेजा इस्तेमाल से विकास पर भी प्रभाव पड़ता है और पैसे और समय की बर्बादी तो होती ही है।आज के समय में कोर्ट के पास पहले से ही तमाम मुक़दमे लंबित है जिसमें तारीख़ पर तारीख़ पड़ती रहती है,उसमें भी ऊपर से इन जनहित याचिकाओं के बढ़ते मामलों से कोर्ट का भार बढ़ता ही जाता है,इसलिए जनहित मुकदमा करने वाले लोग भी इस बात का ध्यान नहीं रखते कि बेवजह के जो भी मामले है उनको कोर्ट में न लाया जाय। उप्र के चुनाव में बसपा की मुखिया मायावती ने ईवीएम पर सवाल खड़े करके कोर्ट जाने की बात कर ही रही थी कि तब तक जनहित याचिका दायर कर दी गई,अब अगर मायावती भी वाद दायर करती है तो फिर एक ही मामलें में दो केस हो जायेंगे ,जबकि इन दोनों मुकदमों का फैसला सबको पता है फिर भी लोग न्यायालय का समय खराब करने में लगे रहते है। जब चुनाव आयोग ने यह कह दिया कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई मतलब ही नहीं बनता ,उसमें कोई भी किसी प्रकार से कुछ गलत नहीं कर सकता तो उसके बावज़ूद भी लोग न्यायालय की शरण में जा रहे है,और अपना ,देश का तथा कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे है। इसलिए इन बेमतलब के मुकदमो पर पूरी तरह से रोक लगा देना चाहिए जो प्रथम दृष्ट्या ही गलत लगते हो।इसमें भी कुछ लोग तो अपनी प्रसिद्धि के लिए वाद दायर कर देते है जिससे कि कुछ लोग मुझे जाने। सबसे बड़ी बात ये है कि मनुष्य ऐसा क्यों करते है जिससे कि कोर्ट का समय बर्बाद होता हो,लेकिन जिस प्रकार से आज समाज में जनहित याचिका का याचिका का दायरा बढ़ रहा है यह समाज के लिए सही नही है,इसलिए इसके आड़ में रह कर जो खेल खेला जा रहा है इसको बंद करना होगा। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा

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