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इस समय दिल्ली के कालेजों में जो भी देश विरोधी नारे लगाये जा रहे है उसके ज़िम्मेदार अगर कोई है तो वह है राजनेता। राजनेताओं का काम है देश का विकास करना और विकास के बारें में सोचना लेकिन देश के कुछ नेताओं की बुद्धि को सरस्वती ने हरण कर लिया है जिससे वे ये समझ ही नही पाते कि हम भारत में है कि पाकिस्तान में , भारत में रह कर भी भारत के खिलाफ़ बोलते रहते है। देश के कुछ राजनेता तो ऐसे है कि उनको कालेजों मे कुछ होने का इंतजार रहता है कि जैसे ही कोई घटना हुई वो तत्काल कालेज पहुँचकर गद्दारों के साथ खड़े हो जाते है और उन छात्रों का महिमा-मंडन करने लगते है जैसे इन छात्रों ने कारगिल का युद्ध जीत लिया हो। ये नेता देश के लिए पाकिस्तान से भी ख़तरनाक है क्योंकि पाकिस्तान जो भी करता है अपने देश से करता है और वहीं से किसी भी गतिविधि को अंजाम देता है लेकिन ये गद्दार नेता इसी देश के होकर भी इसी के टुकड़े की बात करते है या टुकड़े करने वाले का समर्थन करते है। ऐसे लोगो को कतई भारत में नही रहने देना चाहिए जो यह कहते है कि अफजल हम शर्मिंदा है कातिल तेरे जिंदा है। इसी देश में भारतीय सेना है जो दिन-रात एक करके मुस्तैदी के साथ ड्यूटी करते है कि काश!मेरे भारत का कोई टुकड़ा न कर दे। इसीलिए सेना का हर जवान शहीद होना पसंद करता है लेकिन कभी भी देश के टुकड़े की बात नही करता।,लेकिन सबसे ज्यादा दिक्क़त अगर किसी को है तो वह है कालेजों के छात्रों को,अब इनको सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। ये छात्र कालेजों में पढ़ने के लिए आते है न कि राजनीति करने के लिए,लेकिन इन दिनों ये लोग पढ़ाई को छोड़ राजनीति करने कुछ ज्यादा ही रुचि ले रहे है। जब कि छात्रों का काम सिर्फ पढ़ाई करना होना है न कि प्रशासन देखना। किसको आजादी चाहिए ,किसको नही चाहिए इसके लिए भारत सरकार,दिल्ली सरकार ,दिल्ली हाईकोर्ट ,सुप्रीमकोर्ट आदि बहुत से प्रशासनिक लोग है जो ये देखने के लिए ही रहते है कि किसको क्या चाहिये। लेकिन ये छात्र सिर्फ राजनीति के चक्कर में या फिर अपने नाम के चक्कर में उल्टा-पुल्टा बोल रहे है उनको ये नही पता कि जिस शिक्षा के मंदिर में सबको शिक्षित होना सिखाया जाता है उसी मंदिर से कल हम अशिक्षा लेकर आ रहे है। यह अशिक्षा का ही प्रमाण है जो आतंकवादी का भी महिमा कर रहे है। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा
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