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हिन्दू धर्म के अलावा अगर कोई और धर्म अल्प संख्यक हो तो उसका समाज में जीवन सरलता से कट जाता है,परन्तु अगर कही पर हिंदू अल्पसंख्यक है तो उनका जीवन कंटक से भरा रहता है। हिंदुओ का ऐसा जीवन देश के अंदर भी हो रहा है और देश के बाहर भी हो रहा है , लेकिन हर जगह की सरकारें या तो निष्क्रिय है या फिर जानबूझकर हिंदुओ की बलि चढ़वा रहे है। अगर हम विदेश की बात करे तो यह पाक और बांग्लादेश के अंदर जोर-शोर से चल रहा है,हिंदुओं को इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वे हिंदू धर्म को त्याग कर मुस्लिम धर्म अपना लेते है,अगर कोई मुस्लिम धर्म नही अपनाना चाहता है तो उसको इस कदर परेशान किया जाता है की वह पलायन को मज़बूर हो जाता है,अगर वह पलायन नही करता है वह अपने जान से हाथ धो देगा,पाक में इतना ही नही वहां हिंदू लड़कियां भी सुरक्षित नहीं है,उनके साथ भी घोर अन्याय किया जाता है। विदेश तो दूर की बात है हमको अपने देश के अंदर की भी बात करनी चाहिये क्योंकि विदेश तो दूसरे की धरती है लेकिन भारत तो अपना है फिर भी अगर यहां पर हिंदू अल्पसंख्यक आज भी सुरक्षित नही है,चाहे वह कश्मीर हो या यूपी का कैराना या फिर पश्चिम बंगाल का धुलागढ़ सब जगह एक ही दहशत रहती है,इन जगहों पर हिंदू रहना बिल्कुल अभिशाप हो गया है। कश्मीर के अंदर जिस प्रकार से हिंदुओं पर अत्याचार हुआ,उसको केवल वही कश्मीरी पंडित बयां कर सकता है जो उस दर्द को झेला हो, बाक़ी कोई भी नहीं बता सकता । क्योंकि यही कश्मीरी पंडित ही दर्द को सहन किये है। आज ये कश्मीरी पंडित अपना घर-बार छोड़ कर दूसरे जगह पर जाकर खानाबदोश की जिंदगी ब्यतीत कर रहे है और यह जिंदगी बहुत ही कष्टदायक है लेकिन मनुष्य करे भी तो क्या! यह कश्मीरी पंडित आज भी अपने दर्द को समेटे जिंदगी को बिताने पर मज़बूर है। उनके साथ जो कुछ भी हुआ उस पर कोई बोलने वाला भी नही है। यही हाल यूपी के कैराना में भी चल रहा है क्योंकि वहां भी हिंदू अल्पसंख्यक है और उनका अल्पसंख्यक होना ही अपराध है। कैराना से भी कितने हिंदू परिवार अपना मकान बेच कर भाग खड़े हुए। वहां पर भी गुंडागर्दी चरम पर है,धमकी के बाद हत्या वहां की फितरत बनती जा रही है। सबसे दर्दनाक वाकया अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल के धुलागढ़ में घटित हुई जिसमें कई हिंदू परिवार को इस तरह से बर्बाद किया गया कि उनको अपनी गृहस्थी संभालने में कई साल लग जायेंगे। उपद्रवियो ने उनके घर तक को आग के हवाले कर दिया गया ,महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया,जब कि हिंदू पुरुषों को मौत के घाट उतार दिया गया। अब सबसे बड़ी बात ये है कि जब हिंदुस्तान की धरती पर अगर हिंदू सुरक्षित नही है तो फिर ये कहां सुरक्षित होंगे। इस देश मे सबसे बड़ी समस्या यही है कि अगर हिंदुओं पर कोई ज़ुल्म हो तो कोई भी ब्यक्ति,राजनेता,मीडिया ,लेखक सब मौन रहते है। धुलागढ़ की घटना को ऐसा लोगों ने दबा दिया कि वह कही भी नजर नही आयीं,जबकि बिसाहड़ा कांड की गूँज पूरे भारत ही क्या विदेश तक सुनाई दी थी।।। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा
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