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सत्य क्यों स्वीकार नहीं करते बाक़ी देश

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अपने-अपने स्तर से सत्य बोलने से भागते है। सबको ये डर हमेशा सताता रहता है कि अगर सत्य बोलने की कोशिश किया तो उसके बदले मौत मिलेंगी या फिर जिसके खिलाफ़ बोला, वो नाराज हो सकता है। आज पूरे विश्व में यही स्थिति है कि जो सत्य को स्वीकार नही कर पा रहे है,और आज के समय में सत्य ये है कि हर देश को पता है कि पाकिस्तान आज आतंक का पर्याय बन चुका है,फिर भी उसके खिलाफ़ कोई भी देश जुबान खोलने की स्थिति में नही है। पाकिस्तान प्रायोजित आतंक से बहुत से देश पीड़ित तो है जिसमें से बहुतों ने तो उनके आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगा रखा है,ईनाम भी घोषित कर रखा है फिर कोई देश डंके की चोट पर यह क्यों नही कहता कि मुझको पाकिस्तान से दिक्क़त है,पाकिस्तान आज के समय में भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए महा ख़तरा बनता जा रहा है। आज पाक के आतंक से एशिया ही नही,यूरोप ,अमेरिका सब परेशान है फिर भी कोई देश इतना साहस नहीं जुटा पाता कि वह विश्व मंच पर खुले आम बोल सके कि अगर किसी से खतरा है तो वह है पाकिस्तान,इतना साहस कोई भी देश नहीं करता। अब चाहे वह सार्क सम्मेलन हो या हार्ट आफ एशिया या कोई और मीटिंग, सब में एक ही बात निकल कर सामने आती है कि अगर आतंकवाद नही ख़त्म हुआ तो यह हमारे लिए बहुत बड़ा खतरा होगा। इन सम्मेलनों में केवल और केवल आतंक की बुराई की जाती है,निंदा किया जाता है,भर्त्सना की जाती है,लेकिन कोई पाक से खुलकर ये नही बोलता कि भाई!तुम अपने यहां से आतंक की फैक्ट्री कब बन्द करोगें और अगर बंद करना नहीं जानते हो तो हम बंद कर सकते है,इतने विश्वास से कोई भी नहीं बोलता। आज कोई भी देश पाक के खिलाफ दो अक्षर बोलने के लिए तैयार नही है सबको डर लगता है कि पाक हमसे नाराज न हो जाये। अब सवाल सबसे बड़ा ये है कि सभी देशों की लापरवाही एक न दिन पूरे सृष्टि के लिए खतरा न बन जाय। क्योंकि जिस प्रकार से पाक की अंतरराष्ट्रीय आतंकी प्रशिक्षण संस्थान अपने ऊचाइयों पर जा रहा है उससे तो नही लगता है कि आतंक की ये समस्या कभी भी सुलझेंगी। पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों के द्वारा मिलती मदद से आतंकियों के हौंसले बुलंदी पर है। ये आतंकी इतनी रफ़्तार से अपने मंसूबो में कामयाब हो रहे है कि अगर यही रफ़्तार इनकी रही तो वह दिन दूर नही जब आतंक को कुचलना मुश्किल हो जायेगा,और फिर सभी देश हाथ मलते रह जाएँ। पाकिस्तान की आज इतनी हिम्मत हो गयी है कि किसी भी देश में ,कभी भी अपने पालतू आतंकियों से कोई भी कांड करवा सकता है, फिर अगर गलती से किसी कांड में कोई आतंकी मर गया तो वही पाकिस्तान मरे आतंकी को सबके सामने शहीद का दर्जा दे देता है। जिस तरह से बुरहान वानी को पाक ने शहीद बता दिया था,उसी तरह ये सबको शहीद ही बताता है,फिर भी दुनिया की आँख नही खुलती कि पाक के इस कृत्य को देखें और सच को दुनिया के सामने ले आएं। आतंक पीड़ित देश को तो छोड़िये,अपने देश के मुस्लिम धर्मगुरु भी पाक के आतंकवाद की निंदा करने से कतराते है,ये धर्मगुरु केवल भारत में ही कानून की शिक्षा देते है उनके जुबान से कभी नही निकलता है कि आज जो पाकिस्तान कर रहा है वो गलत है,ऐसा नहीं करना चाहिये। पाकिस्तान की करतूतों पर तो किसी की जुबान ही नही खुलती,जैसे सब के सब गाँधी जी के बंदर बने बैठे हो,न तो पाक का आतंक दिखाई दे रहा है,न तो पाक का आतंक सुनाई दे रहा है,और न तो पाक के आतंकी जो आतंक की परिभाषा देते है उसको कोई कहने से रोक पाता है।। **********************************************************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा

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