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आर्थिक सफाई का महाभियान

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मनुष्य हो या जानवर सफाई तो सब लोग पसन्द करते है बस अंतर इतना होता है कि कुछ लोग सफ़ाई कम पसन्द करते है तो कुछ लोग ज्यादा पसन्द करते है इसलिए जहां तक सफ़ाई से ताल्लुक है तो इससे स्वास्थ्य और वातावरण दोनों सही रहते है। सफाई भी कई तरीके से की जाती है, कहीं पर तो कामचलाऊ सफाई होती है तो कहीं पर मन लगाकर अच्छे तरीके से सफाई को अंजाम दिया जाता है। जहां तक सफाई की बात है तो ये भी कई तरीके से की जाती है,जैसे मन की सफाई,हाथ की सफाई,वातावरण की सफाई,कपड़े की सफाई इत्यादि,इन्ही में से एक सफाई आज-कल जोर-शोर से चल रही है और वह है आर्थिक सफाई,यह सफाई भी कपड़े की मैल की तरह हो गयी है जो ज्यादा दिनों तक न धुलने की वजह से इसमें मैल छिप जाती है और फिर उसको हटाने के लिये अच्छे क्वालिटी के सर्फ़ की जरूरत पड़ती है, और उस सर्फ़ को भी गुनगुने पानी में डालना पड़ता है,तब जाकर अच्छी सफाई मिलती है,ठीक इसी प्रकार से देश की आर्थिक कपड़े को कालेधन के कुबेरों ने कुछ ज्यादा ही मैला कर दिया है जिसको अच्छी प्रकार से धुलने के लिए अच्छे क़िस्म के सर्फ़ की ज़रूरत थी,अब इस सर्फ को खोज लिया गया है अब तेजी से काले कुबेर को सफेद करने के प्रयास किये जा रहे है। आज देश के अंदर अनगिनत रूप से न जाने कितने लोग कालेधन को इकठ्ठा करके अपनी संपत्ति को बढ़ाने में लगे है और देश को नुकसान पहुँचा रहे है। इन्हीं कालेधन के कुबेरों पर लगाम लगाने के लिए 500 के और 1000 के नोट बंद कर दिए गए,जिससे कि काले धन का गोरख धंधा करने वालों पर लगाम लगाया जा सके। इसी को ध्यान में रखकर 8 नवंबर को नोट बंदी का अचानक फैसला लिया गया,अभी तो फिर एक स्वच्छता का अभियान चलाया गया था,तब उस समय भी लोग काफी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिए थे,जैसे कि इस समय लोग नोट बंदी के बाद के हालात से निपटने की कोशिश कर रहे है। लेकिन जितने भी कालेधन के कुबेर देश मे है वे सब के सब अपने गणित में काफी क़ामयाब हो रहे है,आज इस आर्थिक सफाई के महाभियान चलने के बाद भो जो कुबेर है उनकी लीला चल ही रही है, क्योंकि आज भी इन काले कुबेरों के पास से नए-नए नोटों का जखीरा प्राप्त हो गया,और जनता छोटे नोटों के लिए परेशान है। अब सबसे बड़ी बात देखने वाली यह रहेगी कि क्या इस आर्थिक सफाई के बाद भी अभी काले कुबेरों की संख्या देश में रहती है या नहीं। लेकिन पूर्णतया देखा जाय तो कालेधन के कुबेर का पूरी तरह से खात्मा करना मुश्किल है,क्योंकि ऐसा कोई भी सर्फ़ नही बना है जिसको डाल कर आर्थिक कपड़े को साफ़ किया जा सके। **********************************************************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा

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