Menu
blogid : 23855 postid : 1298186

राजनेताओं को सीख दे गयी अम्मा

Indian
Indian
  • 259 Posts
  • 3 Comments

एक अदम्य साहस,संघर्ष और जुझारूपन की तस्वीर अगर किसी के सीखनी है तो ब्राह्मण कुल में पैदा हुई एक बेटी से सीख सकते है, यह वही बेटी थी जो मात्र दो साल के उम्र में अपने पिता के प्यार से बंचित हो गयी,और बिन पिता के अपने जीवन की शरुआत कर दिया, बड़े होकर ग्लैमर गर्ल से जिंदगी की शुरुआत करने वाली जयललिता ने आगे का सफर राजनीति में पूरा किया, राजनीति में भी तमाम संघर्षो को झेलते हुए राजनीति में भी अपना दबदबा कायम रखा, और इतना ही नही राजनीतिक अम्मा का दर्जा भी प्राप्त किया,अगर देखा जाय तो तमिलनाडु के लोगों ने ऐसे ही अम्मा का नाम नही दिया,इस अम्मा का सम्मान पाने के लिए इन्होंने काफ़ी कुछ अपने गरीब जनता के लिए किया भी है,कोई ऐसे ही चार बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान नही हो जाता,आज के दौर में जहां कई मुख्यमंत्रियो को एक बार के बाद यह डर सताने लगता है कि मेरी कुर्सी जायेगी या रहेगी,उस दौर में भी अम्मा को कभी दिक्क़त नही महसूस हुई। अम्मा का सभी गरीब लोगों को तमाम प्रकार से सुविधाएं प्रदान करना , सब्सिडी प्रदान करना,सस्ते दर पर भोजन,नमक,पानी,सब्ज़ी आदि न जाने कितनी सुविधाये जनता को प्रदान की जाती थी, जनता के साथ यही किये गए कार्य जयललिता को अम्मा के सम्मान तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध हुए। अब सवाल सबसे बड़ा यह है कि क्या जयललिता प्रदेश की मुख्यमंत्री होने के कारण ही जनता रो रही है या उनके किये गए विकास के कार्यो के कारण या जनहित के लोगों के लिए किये गए कार्यो के कारण। कारण कुछ भी हो लेकिन इतना तो तय है कि देश के सभी मुख्यमंत्रियो को अम्मा के मौत के बाद जनता के किये जा रहे अगाध प्रेम को देखना और समझना चाहिये,सोचना चाहिये कि जो मनुष्य अपने माता-पिता के मरने की सूचना के बाद जिंदा था,वही मनुष्य आज अम्मा के मरने की खबर सुन कर ही जान गवां बैठा। इस बात को आज के नेताओ को जरूर सोचना चाहिए। एक बात जो सबको परेशान कर रही है वो ये है कि अम्मा कितना अपनी जनता के लिए करती थी कि आज जिसको देखो वही रो रहा है अपने अम्मा के लिए,उससे भी आश्चर्य की बात ये है कि अम्मा की मौत की ख़बर सुनकर कुछ लोग मौत को गले लगा लिये। यह वही मनुष्य है जो अपने प्रियजन,माता-पिता की मौत को झेल जाता है और आज अपने मुख्यमंत्री के मौत का सदमा बर्दाश्त नही कर पाया। इस बात को सभी राजनीतिक पार्टी और सभी नेता,एवं आम जनता सबको एक बार ज़रूर सोचना चाहिए कि आखिरकार इस अम्मा के अंदर वह कौन सी चीज थी जो पूरे देश को गमगीन बना दिया। ख़ास कर जितने भी मुख्यमंत्री है उनको अम्मा के मरने के बाद की स्थितियों को ज़रूर सोचना चाहिए और जनता के हित में काम करना । आज अगर जनता रो रही है तो अम्मा के सुकर्मो के वजह से रो रही है। आज के नेता और अम्मा में इतना अंतर है कि अम्मा गरोबों को उठाने में लगी रहती है जब कि और नेता अपने को उठाने में लगे रहते है।। काश!अम्मा की तरह कोई दूसरी अम्मा होती जो पूरे भारत का नेतृत्व करती,तो मेरा भारत वास्तव में महान बन जाता। **********************************************************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh