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राष्ट्रहित में कुर्बानी

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जब भी कोई बढ़िया काम होता है तो उस काम के एवज में कुर्बानी देनी पड़ती है,बिना कुर्बानी के कुछ भी काम सम्भव नही है। जब भी कोई अच्छी इमारत तैयार होती है तो उस इमारत में भी जो नींव की ईंट होती है उसको शहीद होना पड़ता। लेकिन यही नींव की ईंट का शहीद होना एक अच्छे इमारत का इतिहास लिख जाता है। आज देश के अंदर 500 और 1000 के नोट का बन्द होना,कोई छोटी बात नही है, क्योंकि जिस चीज से हमारे जिंदगी की रफ़्तार बनी रहती है उसके बन्द होने से परेशानी होना लाजिमी है। अगर यही परेशानी उठाने के बाद देश की अर्थब्यवस्था ठीक हो जाये ,काले कुबेर देश से कम हो जाय तो लोगों को बढ़-चढ़ कर कुर्बानी देनी चाहिए,इसमें किसी को कोई शिकायत नही होनी चाहिए। भारतीय मुद्रा का बाजार मे चलन कम होंने से लोग थोड़ा परेशानी महसूस कर रहे है। अचानक से 500,1000 के नोट का न दिखना ,परेशानी का कारण बन रहा है। लेकिन पूरे देश को संयम का परिचय दे कर देश हित मे देश की सरकार का साथ देना चाहिए। क्योंकि मोदी फ़िल्टराइजेशन विधि के द्वारा जो भी बड़े-बड़े लोग बेड पर रुपये डाल कर सोने की आदत डाल रक्खे है,उनके फ़िल्टर होने की पूरी संभावना है। भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े दिग्गज मोदी के गणित से इतने घबराये हुए है की कोई नोट को गंगा नदी में फेंक रहा है,तो कोई रूपयों को जला रहा है,तो कोई दूसरे के खाता में ट्रांसफर करने में लगा हुआ है। कहने का मतलब ये है कि मनुष्य के पास जितनी भी बुद्धि है उसका भरपूर प्रयोग कर रहा है। समय भी कितना करवट लेता है कि जो लोग जिस रुपये को अपने सिर के नीचे रख कर चैन की बंसी बजाते थे , आज वही अपने हाथ से उन रूपयों को गंगा माता को सुपुर्द कर रहे है,और गंगा माता से प्रार्थना कर रहे है कि हे माता! मेरे द्वारा किये गए काले कारोबार के द्वारा अर्जित किये गए काले धन को आप हमेशा-हमेशा के लिए अपने पास रक्खो, और मेरा मोदी रूपी संकट से मुक्ति दिलाओ। अब मोदी युग में गंगा माता का भी भाग्य अच्छा चल रहा है,और उनके भी अच्छे दिन आ रहे है। क्योंकि जो माता सिक्के के अलावा रुपया नही देखी थी वो आज 500 और 1000 के नोट से भरे बोरे प्राप्त कर रही है। इसको कहते है भाग्य ,लेकिन भाग्य सबकी अच्छी नही हो सकती,ये दुनिया है बहुत बड़ी है इसलिए कुछ लोगों के लिए अच्छा दिन होता है,तो कुछ के लिए बुरा दिन भी शुरू होता है। अब इस समय गंगा माता का अच्छा दिन और काले धन के माफिया के लिए बुरे दिन चल रहे है।आज स्थिति ये है कि कालेधन के कुबेर भी अपना सब खजाना छोड़कर 4000 हजार की राशि के लिए धक्के खा रहे है। अभी भी मोदी के दिमाग में और भी समस्या है जो फिल्टर होनी बाक़ी है,इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से 50 दिन का समय मांगा है जिससे कि पूर्णतया काला कचरा जो देश में 70 सालों से जमा है उसको हम खत्म कर सके। इस लिए पूरे देश के लोगों को चाहिए कि देश के प्रधानमंत्री को 50 दिन का समय दें।। **********************************************************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा

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