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विद्या या धन, जरूरी कौन?

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समाज मे मनुष्य की जिंदगी को सुखमयपूर्वक ब्यतीत करने के लिए सबसे जरूरी होता है धन, धन की अधिकता से आदमी धनी बनता है,और जब धनी बन जाता है तो उसकी समाज मे पहचान बन जाती है,वो पैसे के बल पर क्या हासिल नही कर सकता। वह पैसे के बल पर बाहुबली बन जाता है, वह किसी को कभी भी मार सकता है,वह चाहे तो टोल टैक्स कर्मचारी हो,या फिर कोई डॉक्टर या यातायात पुलिस का कोई सिपाही,सबको अपने झंडे के नीचे खड़ा कर सकता है। वह धन से सब कुछ खरीद सकता है,इन बाहुबलियों के लड़के अपने पिता से भी दो कदम आगे रहते है वे सरेआम बाजार मे किसी को भी गोली मार सकते है,और थाने पर जा कर थानेदार को दो-चार लाख दे कर घटना से एक दिन पहले अपने को गिरफ्तार दिखा सकते है,कोर्ट मे अपने पैसे के बल पर जज से मनमाफिक फैसला लेने के लिये बाध्य कर सकते है,गलती से अगर जज ईमानदार है तो पैसे के बल पर उसका मर्डर भी करवा सकते है।

अगर सब कुछ धन से खरीदा जा सकता है तो विद्या क्यो नही। वास्तव मे सच पूछा जाय तो बिद्या को नही खरीदा जा सकता है क्योकि विद्या को अर्जित किया जाता है, पैसे के बल पर खरीदा नही जा सकता। डिग्री को पैसे के बल पर खरीदा जा सकता है। कोई भी ब्यक्ति अगर वह चाहे तो पैसे के बल पर किसी भी स्कूल से कोई भी डिग्री खरीदा जा सकता है। बिद्या एक ऐसा नाम है जो कितना बाहुबली क्यो न हो लेकिन वह बिद्या को नही खरीद सकता। इसलिए संस्कृत मे एक श्लोक है.  येषां न विद्या न तपो न दानं , ज्ञानं न शीलं न गुणों न धर्मः ” ते मर्त्यलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति। अर्थात जिस मनुष्य ने विद्या का अर्जन नही किया,न तपस्या मे लीन रहे ,न ही जिंदगी मे दान किये,न ही ज्ञान अर्जित किया,न ही अच्छा आचरण किया है,न ही गुणों को अर्जित किया है और न ही कभी कोई धार्मिक काम किया। ऐसे लोग इस मृत्युलोक मे मनुष्य के रूप मे मृगों की तरह भटकते रहते है। ये मनुष्य धरती पर भार के समान है।।

क्या इस श्लोक का कलियुग के इस प्रथम चरण मे महत्व रह गया है। श्लोक के अनुसार तो जिसके पास विद्या नही वो पृथ्वी पर भार के समान है। लेकिन इस भारत मे एक से एक नेता हुए है जो बिल्कुल निरक्षर रहे है तो उनको क्या माना जाय कि वो पृथ्वी पर भार के समान है।

नीरज कुमार पाठक सेक्टर -1 नोएडा

 

डिस्क्लेमर: उपरोक्त विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं। जागरण डॉट कॉम किसी भी दावे, आंकड़े या तथ्य की पुष्टि नहीं करता है।

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