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कलयुगी यमराज

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एक समय था जब यमराज को एक ही रूप मे जाना जाता था,वही रूप जो सब लोग जानते है,भैंसे की सवारी करने वाले , लम्बी-लम्बी मूँछ रखने वाले। यमराज का यही स्वरूप सबके सामने अवतरित होता है,लेकिन अब के समय में देश के विकास के साथ ही यमराज का स्वरूप भी बदल रहा है।अब एक यमराज के जगह हजारो यमराज पैदा हो गये, अब वे किस रूप मे कहां मिल जाय ,कब मिल जाय,ये कोई नही बता सकता ।इन कलयुगी यमराजो से बचना भी बड़ा मुश्किल होता है,क्योंकि ये घर हो या होटल ,अंदर हो या बाहर ,रात हो या दिन ये हर जगह उपलब्ध रहते है।इनका न तो कोई समय होता है और न ही कोई स्वरूप। वास्तविक यमराज तो प्राण लेते है,उनका प्रकृति के द्वारा काम मिला हुआ है। लेकिन इन कलयुगी यमराज को किसी ने भी काम नही दिया है फिर भी इन्होंने मानव विरुद्ध काम करना शुरू कर रक्खा है। आज के समय मे महिलाओ को इन कलयुगी यमराजो से सुरक्षित बच कर निकलना बड़ा मुश्किल हो जाता है। इन कलयुगी यमराज को यमराज की संज्ञा इस लिये दे रहे है क्योंकि ये महिलाओँ के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देकर उनको जिंदा लाश बनाकर छोड़ देते है,उस महिला के लिये ये दानव की तरह है। जिस लड़की या औरत के साथ दुष्कर्म या गैंगरेप की वारदाते की जाती है,उस महिला से उसका दर्द पूछा जा सकता है। क्योंकि यह महिला मानसिक रूप से टूट जाती है।इसी टूटने मे कितनी महिलाएं खुदकुशी कर लेती है। जो थोड़ा हिम्मती होती है वो भी जिंदा लाश बन कर जीवन की शेष अवधि काटती है। ………………ये कलियुगी यमराज रोड पर कई प्रकार से मिलते है,ये पलक झपकते किसी महिला का मंगलसूत्र या सोने की चेंन छिन लेते है। इनको किसी भी प्रकार का कोई भय नही रहता अब, चाहे वह प्रशासन का भय हो या पुलिस का। ये दिन हो या रात हर समय ये अपने कार्य मे तत्पर होते है। ये फ्लैट के अंदर कोई न कोई रूप बनाकर महिलाओ से ठगी या फिर लूट को अंजाम देते है। अगर इनके मिशन मे कोई बाधा बना तो उसकी कहानी खत्म समझो। लेकिन इनका सबसे घृणित कार्य जो होता है वो है महिलाओ की इज्जत लूटना। कोई भी महिला अपने पुरुष मित्र के साथ हो या फिर अपने पति के साथ ,ये दरिंदे इतने निरंकुश हो जाते है कि ये नही समझते कि हमारे घर के अंदर भी माँ ,बहन,पत्नी आदि लोग भी होंगे। लेकिन ये उस समय बिल्कुल शैतान की शक्ल लेते है फिर वह महिला कितना भी गिड़गिड़ाए ,ये सुनते नही है। ये क्षण कितना दुख़द होता है जब एक पति के सामने उसकी पत्नी का बलात्कार हो। पति की मजबूरी होती है कि वह अपने को बन्धन से मुक्त कैसे करे। क्योंकि पति को ये दरिंदे पहले ही मार-पीट पीट कर बाँध देते है। पति असहाय,निरीह बन कर देखता रहता है इस आस के साथ की प्रकृति कोई चमत्कार कर दे। अब प्रकृति भी क्या करें जो पुलिस वाले ड्यूटी पर रहते है वो सोये रहते है ,पुलिस सोती रहती है महिलाओं की इज्जत लूटती रहती है। अगर मन से पुलिस ये सोच ले कि ये घटना नही होनी है तो नही होगी। लेकिन पुलिस को इस बात का संकल्प लेना पड़ेगा कि आज से हमारे क्षेत्र मे अपराध नही होगा। करीब अस्सी प्रतिशत अपराध पुलिस के संरक्षण मे ही होता है,या इन अपराधियों के सिर पर हाथ होता है। अपराध तभी बढ़ता है जब पुलिस चाहती है। इसलिए पुलिस को इन कलयुगी यमराज के ऊपर कड़ा शिकंजा कसना पड़ेगा तभी महिलाएं सुरक्षित रह सकती है। ——————————————————————————————————————————————–नीरज कुमार पाठक नोएडा ———————————————————————-

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