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लापरवाही या संयोग

Indian
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कोई भी ब्यक्ति अगर जानबूझकर ट्रेन के आगे कूद जाय तो हम इस घटना को क्या कहेंगे लापरवाही या संयोग। मेरे हिसाब से ये लापरवाही की घटना है इसको हम संयोग नही कह सकते। इस देश के अन्दर लापरवाही की सबको आदत पड़ गयी है। ट्रेन के आने के इंतजार मे अगर रेलवे फाटक बन्द है तो यहाँ के लोगो को इतना सन्तोष नही होता है कि दो मिनट रुक कर इन्तजार कर ले,सबका आना-जाना लगा रहता है। केवल उस समय तक लोग नही जाते, जब तक ट्रेन उस गेट के सामने से गुजर रही होती है।अब अगर कोई दुर्घटना हो गयी तो उसके लिये रेलवे प्रशासन ही जिम्मेवार ठहराया जाता है। रेलवे की भी कही न कही लापरवाही होती है लेकिन जनता का ज्यादा दोष होता है। हमारे यहाँ दिक्कत ये है कि कानून कड़े नही है और जो है भी उनका पालन सही तरीके से नही होता। लापरवाही के जो मामले होते है इसमे कड़ी सजा और कड़ा जुर्माना दोनो का प्रावधान होना चाहिये।———-अब के समय मे सबसे बड़ा लापरवाही का कारण बन रहा है ईयरफोन। ईयरफोन की वजह से कितने लोग काल के ग्रास बनते जा रहे है।फिर भी लोग सुधरने का नाम नही ले रहे है।इसका शौक इतना बढ़ गया है कि पैदल चलने वाले ,बाइक से चलने वाले,साईकल से चलने वाले या फिर कार से चलने वाले जितने भी संगीत प्रेमी लोग है वे चलते रहते है और दोनो कानों मे लीड लगी रहती है अपने मे वे मस्त रहते है ,अब पीछे से कोई भी ब्यक्ति कितना भी हार्न बजाये वो सुनता नही है,इसी चक्कर मे ज्यादा- तर एक्सीडेंट होते है। सबसे आश्चर्य की बात ये होती है कि लोग दुर्घटनाओ के बारे मे जानते है फिर भी आँखे नही खुलती। नदी के अन्दर लोग पानी मे घुस कर सेल्फ़ी लेते है जब कि पता है रहता कि नदियो का जल स्तर कभी भी बढ़ सकता है फिर भी लोग सेल्फ़ी लेते है अब अगर पानी के स्तर मे बृद्धि हो जाती है तो लोग प्राण गवाँ देते है। फिर दोष आता है संयोग का। तब लोग कहते है कि काश!पानी न बढ़ा होता तो यह घटना नही होती। कुछ लोग कहेंगे कि संयोग था ,अचानक पानी का बढ़ना। संयोग कुछ नही होता,अगर होता है तो लापरवाही।संयोग हम तब कहेगे जब हम नाव से नदी पर कर रहे होते है और मौसम भी हमारे अनुकूल हो लेकिन अचानक मौसम करवट ले और हम उसमें फ़स जाये तो इसको हम संयोग कह सकते है। लेकिन अगर हम रेलवे की पटरी पर पैदल चल रहे हो और अचानक ट्रेन आ जाये तो उस समय अगर कोई दुर्घटना होती है तो ये जानबूझकर की गयी लापरवाही के श्रेणी मे आएगा। हमको हमेशा लापरवाही से बचना चाहिये,क्योकि लापरवाही के कारण हमारे जान पर तो खतरा रहता ही है और दूसरे पर भी खतरा हो सकता है। इसलिए कोशिश ये होनी चाहिये कि लापरवाही जिंदगी पर भारी न पड़ जाय। ——————————————————————————————————————————————–नीरज कुमार पाठक नोएडा ———————————————————————–

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