Menu
blogid : 23855 postid : 1196240

मेंनहोल मे दफन होती जिंदगी

Indian
Indian
  • 259 Posts
  • 3 Comments

भारत भले ही एमटीसीआर का 35वां सदस्य बन गया ,एनएसजी के दौड़ मे दौड़ रहा है, अगर इसी तरीके से विकास की पटरी चलती रही तो एक न एक दिन विकसित देश भी बन जायेगा।लेकिन हम घरेलू समस्याओं पर काबू पाने मे अक्षम क्यो हो जाते है?आज भी हमारा शासन,प्रशासन इन छोटी-छोटी बातों पर क्यो नही सतर्क रहता है। मनुष्य की जिन्दगी कि क्या इतनी भी कीमती नही है की इन मेंनहोल मे गिर कर मरे।लेकिन प्रशासन की इतनी बड़ी लापरवाही की मेंनहोल खुले छोड़ दिये जाते है। जिसमे गरीब लोगो की जिन्दगी दफन होती रहती है। इन होलो मे कोई भी शासन-प्रशासन का सदस्य नही मरता,अगर मरते है तो गरीब तबके के लोग जो पैदल चलने वाले होते है।जब कि समाज के कुछ जागरूक लोग समय-समय पर दैनिक जागरण के माध्यम से प्रशासन को अवगत कराते रहते है ,फिर भी प्रशासन हमारा पंगु बना रहता है क्यों। क्यो नही समय से पहले कार्यवाही की जाती है,प्रशासन क्यो इंतजार करता है किसी के मरने का । जिस दिन कोई मर जाता है उसी दिन उस मेनहोल पर ढक्कन लगा दिया जाता है।- – – – – —– —- भारत देश की दो समस्या गम्भीर बनी हुई है एक मेनहोल की दूसरी सड़क मे गड्ढे की। इन दोनो कारणों से काफी लोगो की मौत हो जाती है,लेकिन हमारे प्रशासन की इस मामले पर नींद नही खुलती। हमारे यहां पर रोड के बनाने मे भी भ्रष्टाचार की जड़े खूब नीचे तक गयी है। उस कारण से रोड बनती हैऔर कुछ दिन के बाद ही उखड़ जाती है। फिर पानी लगते-लगते रोड मे गड्ढे बन जाते है।इन गड्ढों के कारण लोग उसमे फंस करके मरते रहते है।हमारे देश का हाल भी उस ब्यक्ति की तरह है जो अपने धर्म मे छेद को बन्द करने के लिए दूसरे धर्मो मे चक्कर लगाता रहता है पर छेद बन्द नही हुआ। ——————————————— हिन्दू धर्म मे एक आदमी था उसका नाम था छेदी लाल। छेदीलाल बहुत परेशान रहता था कि ये धर्म ठीक नही है,क्योकि इस धर्म मे छेद है।उसने हिन्दू धर्म को को छोड़ दिया और मुस्लिम धर्म अपनाने के लिये मुस्लिम धर्म गुरु के पास पहुँचा तो वहाँ पर सब बात मौलवी को बताया, तो उन्होंने पूछा कि तुम्हारा हिन्दू धर्म मे नाम क्या था, उसने अपना नाम छेदीलाल बताया, तो मौलवी ने उसका नाम रख दिया –सुराग अली।अब सुराग अली बन कर रहने लगा,समय बीतता गया फिर उसको इस धर्म मे भी घुटन होने लगा ,तो उसने मुस्लिम धर्म भी छोड़ दिया ,फिर पहुँचा ईसाई धर्म के अंदर तो वहाँ फादर से भेंट हुई। फादर से मिलने पर उसने पूरी कहानी बताई। फादर ने उसको ईसाई धर्म मे ले लिया और उसको नाम दिया- विलियम होल । फिर उसने विलियम होल के रूप मे जिन्दगी शुरू कर दी और समय बीतने के साथ ही उस धर्म मे भी घुटन होने लगी तो उसने फिर ईसाई धर्म भी छोड़ दिया। अब वो पहुँच गया सिक्ख धर्म के अन्दर, वहाँ पर उसका नाम बिल सिंह रक्खा गया,वहाँ भी वही हाल कुछ दिनों के बाद वहाँ पर भी उसको चैन नही मिला। उसने कहा कि किसी भी धर्म मे छेद बन्द नही हुआ।——————– ———हमारे यहा का सिस्टम भी छेदीलाल के विचार की तरह है ,इस सिस्टम मे भी यही दिक्कत यही है कि आज तक पूरे भारत मे सड़क और मेनहोल दोनो समस्या खत्म होने का नाम नही ले रही है। इसमे प्रशासन को और सुधार करने की आवश्यकता है जिससे कि कोई भी मनुष्य मेनहोल मे दफन न होने पाये।। ———————————————————————-नीरज कुमार पाठक सेक्टर-1 नोयडा ———————————————————————-

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh