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भेदभाव की राजनीति

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असमानता शब्द का उपयोग हमारे देश के अन्दर भरपूर रूप से होता है। यहाँ पर ऊँची-नीची जाति का ,कम आय और उच्च आय का ,गोरा और काला का ,छोटे और बड़े का ,स्त्री और पुरुष का ,साइकिल और कार का ना जाने कितने असमानताओं के दौर से गुजरने के बाद भी मनुष्य जटिल परिस्थितियों मे अपने धैर्य को बना कर रखता है,और इन भेदभाव को सहते हुये प्रगति के पथ पर बढ़ता जाता है। लेकिन कुछ अफसोस के साथ। अगर देखा जाय तो इस देश मे अभी भी असमानता के काल चक्र से निजात नही मिली है। क्योकि सरकारी कर्मचारियों को कम से 30 वर्ष तो नौकरी करने के बाद ही पेंशन मिलती है लेकिन राजनेताओ को 5 वर्ष के बाद ही पेंशन दे दिया जाता है ,ये असमानता क्यो । इसमे भी नियम मे बदलाव करना चाहिए कि कम से कम तीन बार जो जीते उसको ही पेंशन दिया जाय। इस प्रकार से तो हमारे देश मे पेंशन ही बाटने मे काफी पैसा खर्च हो जायेगा। राजनेताओं को मोटी सेलरी,यात्रा भत्ता एव अनेक प्रकार की अन्य सुबिधा दिया जाता है।लेकिन जो कर्मचारी अपना पूरा जिन्दगी ही सेवा मे ब्यतीत कर देता है उसको न तो उतनी सुविधा मिलती और न ही उतनी मोटी सेलरी।इस तरह से वो कर्मचारी इस असमानता के दलदल मे फसा रहता।। इतनी असमानता नही होनी चाहिये क्योकि दोनो वर्ग ही देश की सेवा कर रहे है। एक वर्ग है सरकारी कर्मचारी और दूसरा है प्राइवेट कर्मचारी। मानव की ब्यवस्था देखिये कि एक कर्मचारी को मोटी सैलरी दी जाती है क्योकि वो सरकारी कर्मचारी है। उसको टी ए ,डी ए एवं अन्य प्रकार की सुबिधा दी जाती है।लेकिन वही पर प्राइवेट कर्मचारी को मोटी के जगह छोटी सेलरी के अलावा और कुछ भी नही मिलता। ये असमानता क्या भगवान ने बनाया है। सरकारी कर्मचारी भले ही कक्षा पाचवी पास हो अगर सरकारी नौकरी है तो पचास हजार महीने की सेलरी कही नही गयी। लेकिन प्राइवेट सेक्टर मे पचास हजार लेने के लिये कम से बी.टेक तो होना ही पड़ेगा,तब भी शायद न मिले।सरकारी कर्मचारियों को लोंन लेना बहुत ही आसान होता है वो किसी बैंक से कभी भी लोंन ले सकते है। यहाँ तक की लोंन वाले उसके चक्कर लगाते है जबकि प्राइवेट कर्मचारी को लोंन लेने का मतलब समझो कारगिल पर विजय करने के समान है। ये कर्मचारी बैंको की शाखाओ के चक्कर लगा -लगा कर मर जायेगे तब भी कोई लोंन नही देगा। जब कि काम दोनो ही कर रहे है ,दोनो ही आदमी है। प्राइवेट सेक्टर वाले की गलती यही है कि उसकी किस्मत मे सरकारी का पट्टा गले मे नही पड़ा है।। ———————————————————————-नीरज कुमार पाठक आई.सी.ए.आई.भवन सी-1 सेक्टर-1 नोयडा 201301 ———————————————————————-

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