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वह भूमि जहां पर प्राचीन काल मे तक्षशिला और नालन्दा जैसे विश्वबिद्यालय होते थे,दूर-दूर से लोग यहाँ पर शिक्षा ग्रहण के लिए आते थे ,और यहाँ से शिक्षा लेने के बाद अपने घर को जाते थे। लेकिन आज उसी भूमि के कर्णधारों का हाल ये है कि प्रदेश के इंटर के परीक्षा मे जो टॉप करने वाले छात्र और छात्रा है,का हाल पूरे देश से छिपा नही है। वह परीक्षार्थी जिसको अपने विषय तक के बारे मे पता नही है, अपना पूर्णाक तक का पता नही है,बिषय का सही उच्चारण तक ज्ञान नही तो ऐसे लोग हमारे देश का क्या विकास करेगे। ये है बिहार के धरती के होनहार लाल ।अब सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या इन्ही टॉपर के भरोसे भारत बिश्वगुरु बनने का सपना देख रहा है। काश!आज हमारे प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेन्द्र प्रसाद जिन्दा होते तो बिहार के इन टॉपर को देखकर फाँसी लगा लेते। ये वही राजेन्द्र प्रसाद है जिन्होंने परीक्षा के दौरान पूछे गये दस प्रश्न मे से पाँच हल करने को कहां गया लेकिन डा.साहब ने दसो प्रश्न को हल करने के बाद ऊपर मोटे अक्षरो मे लिख दिया कि कोई भी पांच प्रश्न जांच लो।तो उसी धरती के ये टॉपर है जो पॉलीटिकल साइंस को प्राडिकल साइंस बोल रहे है। इनको इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन ज्ञान नही है।। अब सोचना ये है कि क्या इन बच्चों की कापी कही भ्रष्टतंत्र की भेट तो नही चढ़ी,क्योकि इनके टीवी साक्षात्कार से तो नही लगता कि ये टॉप करने के लायक है।इसलिये हो सकता है की ये ऊँचे घरानों से ताल्लुक रखते हो और इनकी कॉपिया लिखी गयी हो।फिलहाल जो भी हो ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा,की ये लोग वाकई टॉपर है या फिर बनाएं गए है। सबसे बहुमूल्य बात ये है कि क्या ऐसे टापरो के भरोसे भारत बिश्व गुरु बन सकता है। अगर हमारे आने वाले पीढ़ियों मे नकल करने की आदत नही गयी तो फिर ऐसे ही टॉपर निकलेंगे जो भारत का सिर बिश्व के अन्दर नीचा कर देगे। पहली बात तो गुरु बनने के लिए ही योग्यता की जरूरत होती है,लेकिन अफसोस इस बात का है कि हमारे देश के अंदर सभी अध्यापक पूर्णरूपेण शिक्षित भी नही है।अब अगर गुरु पूर्णतया अपने कार्य मे दक्ष नही होगा तो बच्चे भी कहाँ पीछे रहने वाले , ये भी कॉलेजो मे कम ही पढ़ना चाहते है। शिक्षा का स्तर इतना क्यो गिर रहा है। शिक्षा का स्तर का गिरना ही हमारे समाज के लिए खतरे की घंटी है क्योंकि अगर बिहार के जैसे अगर टॉपर देश मे पैदा होने लगे तो फिर उनका क्या होगा जो दूसरी या तीसरे श्रेणी मे पास होते है,फिलहाल इन टॉपरो के भरोसे विश्वगुरु का सपना कैसे पूरा होगा,ये सोचने वाली बात है।। ———————————————————————-नीरज कुमार पाठक आई सी ए आई भवन सी-1 सेक्टर-1 नोयडा 201301 ———————————————————————-
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