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सत्य को दबाने की नाकाम कोशिश

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कलयुग के प्रथम चरण मे ही सत्य सुनने की क्षमता मनुष्य के अन्दर नही रह गयी है अब अगर ये हाल प्रथम चरण मे है तो अंतिम चरण की स्थिति कैसी होगी इसका अनुमान खुद कोई भी लगा सकता है।इसी सत्य को दबाने की कोशिश समय-समय पर कुछ अराजक लोग करते रहते है।जिसमे हमारे पत्रकार तक को नही बक्सा जाता है। अगर कोई भी पत्रकार सत्य को उजागर करना चाहे तो खबर छपने के बाद उसके पास या तो धमकी आ जाएगी या फिर उसकी नृशंस हत्या कर दी जायेगी। इस प्रकार से एक सत्य ब्यक्ति की आवाज को हमेशा के लिए दबाने की कोशिश की जाती है।सबसे बड़ी समस्या तब होती है जब उस पत्रकार के पंचतत्व मे बिलीन होने के बाद वह सत्य उसी आत्मा के साथ दफन हो जाती है और अपराधी खुले आम घूमते है।फिर उस पत्रकार के सहमे परिवार से कोई आवाज उठाने वाला नही होता । उस परिवार की आर्थिक स्थिति भी दयनीय हो जाती है।लेकिन एक पहलू ये भी है कि अगर बाहुबलियों के डर से पत्रकारिता करना छोड़ दे तो फिर इन बाहुबलियों का बाहुबल और बढ़ जायेगा, मीडिया वर्ग का कम से कम इतना डर तो रहता ही है कि अपराधी कोई हरकत करने से बचता है।चूँकि मीडिया को सत्य बाहर लाना ही लक्ष्य होता है इसलिये ये किसी के धमकी से डरने वाला नही है सत्य सबके सामने एक न एक दिन अवश्य आकर ही रहता है।। इस देश मे जो भी सत्य के रास्ते पर चलने की कोशिश किया उसको मौत के घाट उतार दिया जाता है, फिर उसके परिवार मे सत्य के मार्ग पर चलने की हिम्मत नही रह जाती है। ये समस्या केवल पत्रकार वर्ग का इकलौता समस्या नही है अपितु ये समस्या हर जगह उपस्थित है,कितने ईमानदार अफसर भी इस मामले के शिकार हुए है।बहुत अधिकारी भी इन बाहुबलियों के शिकार हो चुके है। न जाने कितने ईमानदार लोग अपनी कुर्बानी दे चुके है। सबसे बड़ी बात ये है कि अगर कही पर गलत काम हो रहा है तो हम आवाज भी नही उठा सकते। आवाज उठाने का परिणाम मौत से मिलती है। जब कि भारत देश मे लोग कहते है कि सबको बोलने का अधिकार है अब अगर कोई पत्रकार बोलने की कोशिश करता है तो उसकी आवाज हमेशा के लिये बन्द कर दी जाती है। फिर लोकतन्त्र पर शक होने लगता है कि जिस देश मे सत्य बोलने पर उसका जबाब गोली से दिया जाय तो ये कैसा लोकतंत्र ? लोकतंत्र मे कम से कम बोलने, लिखने का तो अधिकार होना चाहिए । लेकिन अफसोस इसी बात का रहता है की जो सत्य को धरातल पर लाने की कोशिश करता है उसको बाहुबली रसातल भेजने मे देर नही लगाते। —————————————नीरज कुमार पाठक आई. सी.ए.आए भवन सी-1 सेक्टर-1 नोयडा 201301 ———————————————————————-

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