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पूर्ण प्रतिबंधित हो मद्यपान

Indian
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मद्यपान हमारे देश मे एक ऐसी लाइलाज बीमारी हो गयी जिसको रोकना किसी भी सरकार के लिये आसान नही है,इससे इतना राजस्व प्राप्त होता है कि हम शराब को अर्थ ब्यवस्था की रीढ़ भी कह सकते है। इसलिए कोई भी सरकार इस मामले पर हाथ नही डालना चाहती शराब हमारे समाज के लिये बहुत ही घातक है। इससे न जाने कितने लोग अपनी जान गवाँ देते है,और इसको पीकर अपने तो आदमी चला जाता है लेकिन उसके बाद उसके परिवार के ऊपर आफत टूट पड़ती है ,जिसके पास छोटे-छोटे बच्चे है उन बच्चों का भविष्य अन्धकारमय हो जाता है,ये इतनी खतरनाक चीज है कि मनुष्य हर प्रकार का रिश्ता भूल जाता है । अगर शराब का असली रूप देखना है तो मुंशी प्रेमचन्द की कहानी कफ़न पढ़ना पड़ेगा जिसमे कि घीसू और माधव दोनो (पिता-पुत्र) अपनी मरी बहू के कफ़न के लिये साहूकार से मिले 5 रुपये का मांस खाने और शराब पीने मे खत्म कर दिया,और कफ़न लेकर घर पर नही पहुचे।अब ये सोचने वाली बात है कि इन्सान शराब के लिए किस हद तक जा सकता है।समाचारो के माध्यम से कितनी खबरे आती रहती है कि शराब के पैसे के लिए लड़के ने पिता को जान से मार दिया। मतलब शराब एक ऐसी दूषित चीज है जो पिता-पुत्र के रिश्ते तक को नही पहचानती। हर रिश्ते को तार-तार कर देती है। इससे मनुष्य का बहुत ही नुकसान होता है,मद्यपान करने वाले का रुपये तो बर्बाद तो होता ही है उसकी शरीर भी खोखली हो जाती है । इसको सच पूछा जाय तो इसे पूर्ण प्रतिबंधित कर देना चाहिये ।इसके उत्पादन और बिक्री दोनो पर रोक लगा देना चाहिए। जिससे कि कितने परिवार के लोग इस कुचक्र के मुठ्ठी से निकल सके। इसमे बहुत अच्छे-अच्छे परिवार उजड़ते है और अंत मे मिलता है अफसोस का चद्दर ,जिसको ओढ़ कर आदमी किसी प्रकार जीवन की डोर को सजाने मे लग जाते है। मद्यपान करने वाला आदमी घटिया स्तर का मद्यपान कर लेता है जो उसके लिए सही नही रहता,क्योकि इसमे परिवार के परिवार उजड़ जाते है। फिर इस मामले पर सरकार भी कुछ मुआवजा देकर इतिश्री कर लेती है।इसलिए इस मामले पर सबको सावधानी बरतनी चाहिये। ———————————————————————-नीरज कुमार पाठक आई.सी.ए.आई.भवन सी-1 सेक्टर-1 नोयडा 201301 ———————————————————————-

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